एक लड़की है मेरे कॉलेज में
एक लड़की है मेरे कॉलेज में
एक लड़की है मेरे कॉलेज में,
जो दिल को भाया करती है,
सपनों में भी आकर मेरे,
दिल को बहलाया करती है।
जिसकी इक मुस्कान से मैं,
घायल हो जाया करता हूँ ,
मेरे घावों से फ़र्क़ नहीं,
वह फिर भी मुस्काया करती है।
एक लड़की है मेरे कॉलेज में,
जो दिल को भाया करती है।
जब भी वह सहेली संग,
सामने से गुजरा करती है,
मेरी नज़रें बस एकटक,
उसको ही देखा करती हैं।
जब भी वह पढ़ते-पढ़ते,
बालों की लटें खिसकाती है,
सच कहता हूँ यारों मैं,
साँसें मेरी रुक जाती हैं।
उसके खातिर ही मेरा भी,
मज़ाक उड़ाया जाता है,
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आशिक़ दीवाना के नामों से
मुझे बुलाया जाता है।
अक्सर ही यादों में उसकी,
नैना खूब बरसते हैं,
कभी कभी दीदार को,
दोनों नैन तरसते हैं।
एक लड़की है मेरे कॉलेज में,
जो दिल को भाया करती है।
उसकी मेरी कोई तुलना नहीं,
वह परियों की शहज़ादी है,
मैं साधारण सा लड़का हूँ,
ख़्वाबों में जिसके आती है।
ख्वाबों में आकर ही वो,
दिल को घायल कर जाती है,
मेरे इस बेबस इश्क़ को,
बस वह पगली समझ नहीं पाती है।
एक लड़की है मेरे कॉलेज में,
जो दिल को भाया करती है,
सपनों में भी आकर मेरे,
दिल को बहलाया करती है।