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एक चिड़िया

एक चिड़िया

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एक चिड़िया रोज़

बैठे मेरी खिड़की पर

गुनगुनाए मुस्कुराए इठलाए बलखाए

बैठे मेरी खिड़की पर

अपने नयन इशारों से

कुछ वो समझाने चाहे

बैठे मेरी खिड़की पर

बुदबुदाए बडबडाए फुसफुसाए के अपने तेवर दिखाए

बैठे मेरी खिड़की पर

मेहनत कर लाए दाना खाए खाना

बैठे मेरी खिड़की पर

बड़ी शौकीन वो टीवी की दिन भर देखे

बैठे मेरी खिड़की पर

बातों को वो ऐसे सुनती जैसे हो कोई उसकी खबर

बैठे मेरी खिड़की पर

मस्त मौला रहती वो चहचहआती सबको भाती

बैठे मेरी खिड़की पर

आती रात सोने को लेकर अपना बोरा बिस्तर

बैठे मेरी खिड़की पर

एक चिड़िया.......


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