STORYMIRROR

Ruchika Rana

Inspirational

4  

Ruchika Rana

Inspirational

एक ऐसा पुरुष

एक ऐसा पुरुष

1 min
318


हां देखा है मैंने

एक ऐसा पुरुष...

जिसका मन फूलों सा कोमल है! 

आँसू नहीं बहाता बेशक.... 

पर अपने अपनों के गम से, 

उसका दिल पसीजता जरूर है।


हां देखा है मैंने

एक ऐसा पुरुष... 

जो डटकर साथ निभाता है, 

अपनी पत्नी का !

फिर चाहे उसके लिए

लाख बुरा बन जाए....

अपनी जान से प्यारी रही मां का,

या जीवन की पगडंडियों पर... 

अब तक जिनके साथ चला, 

उन भाई बहनों का।


हां देखा है मैंने

एक ऐसा पुरुष...

जो अपने बच्चों की खुशियों पर, 

कर देता है कुर्बान अपने भी सपने... 

बच्चों को दशहरा मेला दिखाने की खातिर, 

भूल जाता है जन्मदिन भी अपने।

<

br>

हां देखा है मैंने

एक ऐसा पुरुष...

जो मां बाप की जिम्मेदारी, 

ताउम्र निभाता है!

जो उनकी बीमारी में मजबूर होकर

अपनी सब एफडी भी तुड़वाता है।


हां देखा है मैंने

एक ऐसा पुरुष....

जो जाता तो है सब्जी भाजी लेने

और खरीद लाता है वो खुशियाँ भी बिन बताए, 

जिनके सपने उसके बीवी बच्चों ने

अपनी आँखों में थे जाने कब से सजाए। 


हां देखा है मैंने

एक ऐसा पुरुष.... 

जिसकी आँख के कोर

नहीं भीगते आँसुओं से, 

पर कभी कभार घिर ही जाता है

वह भी उदास परछाइयों से! 

जो नहीं जी पाता खुद के लिए, 

हम औरतों की ही तरह जीता है.... 

वह औरों के लिए!!!!!


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational