एहसास
एहसास
यूँ तो नहीं पड़ता था
फर्क किसी के आने या जाने से,
पता नहीं ऐसा क्या हुआ तुम्हारे आने से।
फ़र्क पड़ता है तेरे होने या ना होने से,
डर लगता है तुम्हे खोने से।
ज़िन्दगी भी अब तू मेरे साथ मुस्कुराती है,
जब भी तुम्हारी याद आती है।
एक अजीब सा एहसास होने लगा है,
तुम्हारी बातों में दिल मेरा खोने लगा है।
इस एहसास में कुछ तो खास है,
शायद यही तो प्यार का पहला एहसास है।