एहसास
एहसास
हवाएँ सर्द है,
ये मौसम भी खफा
खफा सा लगता है,
जिस्म का लिबास कुछ
और भीतर कुछ
चल रहा है
जो बेमेल सा
लगता है,
सड़क पर पेड़ है
और ये हवा भी बहुत
तेज है
मैं यही हूँ
पर ये धड़कन
कही और है
ये जज्बात कही और हैं
जो इन पेड़ो की
सरसराहट को थामकर
शांत कर रहे हैं,
तेरे पास न होते हुए भी
तेरे वो पल मेरे
दिमाग पर भारी है
अब तो ऐसा
महसूस होता है
मेरी ये कहानी उन
हीर रांझा जैसी ही हैं
जहाँ मैं हूँ मेरे जज्बात है
मेरा दिल है और
मेरा अधूरा प्यार है,,
या शायद उस गरीब
बच्चे की भांति ही है
जिसकी सिर्फ आंखों
में रोटी होती है
पर पेट में नहीं,
पता नही ये जज्बात
रोज इस बस की तरह
एक ही जगहा आके
क्यों रुक से जाते हैं,
पर मैं हमेशा तेरे साथ हूँ
तू दिखता नही पर तेरे साथ हूं,
मेरे जज्बातो में ही सही
तेरा एहसास ही सही
पर तेरे साथ हूँ।

