" दृष्टिकोण "
" दृष्टिकोण "
हम अपने विचारों को रखते हैं ,
अपनी कल्पनाओं के तार बुनते हैं !!
सत्य को दरसा के धरा पर उतारते हैं !
सत्य कटु हो सकता है सत्यम शिवम् सुन्दरम का मंत्र हम दुहराते हैं !!
पर हमारी मंशा साफ और स्पष्ट है !सच के दर्पण को दिखाते हैं !!
जो कार्य को धरा पर ला सके ,जनहित की चिंता रख सके !
उसकी मुझे तलाश है ,यही मेरी बस प्यास है !!
