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हरीश सेठी 'झिलमिल'

Inspirational

5.0  

हरीश सेठी 'झिलमिल'

Inspirational

दर्प

दर्प

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खरगोश को दर्प था

बहुत ज्यादा

तभी तो

रास्ता तय कर पाया था

आधा।


कछुए को नहीं था दर्प

किया प्रयास

देर से ही सही,

मंजिल थी

उसके पास।।


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