देर से ही सही, मंजिल थी उसके पास। देर से ही सही, मंजिल थी उसके पास।
मुन्नू की अम्मा अब मिसेज शर्मा हों गई है मुन्नू की अम्मा अब मिसेज शर्मा हों गई है
कुछ दर्प से भरी कुछ आज़माइश के लिए मैंने कहा, प्यार दे दो! कुछ दर्प से भरी कुछ आज़माइश के लिए मैंने कहा, प्यार दे दो!
दर्द आ जाए जीवन में, तब वह कलुषित हो जाता है। दर्द आ जाए जीवन में, तब वह कलुषित हो जाता है।
हर साल मुझको जलाने का अर्थ क्या हुआ ? सोच से अपने मेरे जैसे सामर्थ सा हुआ! हर साल मुझको जलाने का अर्थ क्या हुआ ? सोच से अपने मेरे जैसे सामर्थ सा हुआ!
जिंदगी का हर पग तुम्हें मैं अर्पित करना चाहती हूँ। जिंदगी का हर पग तुम्हें मैं अर्पित करना चाहती हूँ।