STORYMIRROR

Jagruti rathod "krushna"

Tragedy Others

4  

Jagruti rathod "krushna"

Tragedy Others

दरियादिली

दरियादिली

1 min
332

सुना हैं जिंदगी कुछ दोहराती नहीं,

यादें समेट लो, बस रह जाती वहीं!


लौटकर कुछ वापस ना आनेवाला,

जो आज है, कल जा के कल बन गई!


धूप और छाँव जीवन सफर के गाँव,

जहाँ रुका कारवाँ वहीं रात ढल गई!


सपने और सच्चाई कभी मिले कही!

टूटी हुई टहनी पे फूल खिले है कही!


ताउम्र भाग रहे सुकून की तलाश में,

मौत अपनी दरियादिली दिखा गई!



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Tragedy