दरिया
दरिया
कलरव करता बहता दरिया।
तन मन निर्मल करता दरिया।।
पर्वत से लेकर सागर तक।
पाप पुण्य सब सहता दरिया।।
जल से जीवन जीवन ही जल।
कलकल कलरव करता दरिया।।
जगत सृजित हरियाली करता।
फसलों को जल देता दरिया।।
आता जितना भी जल दूषित।
दरिया करता सबको शोधित।।
बिना स्वार्थ कचरा निस्तारण।
उत्तम जल कर जाता दरिया।।
पानी का मूल्यांकन करना।
दुख दाई पानी का मरना।।
साहिल की कीमत पानी से।
चीख चीख कर कहता दरिया।।