दर्द हमारा
दर्द हमारा
हमारे दर्द को कोई नहीं समझता है,
कहूँ तो कैसे कहूँ कोई नहीं सुनता है !
हमारे दर्द को कोई नहीं समझता है,
कहूँ तो कैसे कहूँ कोई नहीं सुनता है !!
हमारे दर्द को ...........................!!
लगी है चोट मेरे सीने में,
छुपाके कैसे रखूँ कोने में !
लगी है चोट मेरे सीने में,
छुपाके कैसे रखूँ कोने में !!
कोई हमदम, हमराज नहीं बनता है,
कहूँ तो कैसे कहूँ कोई नहीं सुनता है !
हमारे दर्द को .........................!!
यहाँ कोई नज़र नहीं आता,
कहेंगे फिर भी नहीं भाता !
यहाँ कोई नज़र नहीं आता,
कहेंगे फिर भी नहीं भाता !!
दो कदम भी मेरे साथ नहीं चलता है,
कहूँ तो कैसे कहूँ कोई नहीं सुनता है !
हमारे दर्द को .....................!!
यहाँ मशगूल अपनों में हैं,
लोग घूमते सपनों में हैं !
यहाँ मशगूल अपनों में हैं,
लोग घूमते सपनों में हैं !!
किसी के किताब को कोई नहीं पढ़ता है,
कहूँ तो कैसे कहूँ कोई नहीं सुनता है !
हमारे दर्द को कोई नहीं समझता है,
कहूँ तो कैसे कहूँ कोई नहीं सुनता है !!
हमारे दर्द को ..........................!!