दोस्ती
दोस्ती
उम्मीद असीमित साथ की
थामे हुए हाथ की
उम्मीद की किरणें हर दम
आगे बढ़े कदम से कदम
रोते हुए को हँसाना
खोए हुए को पाना
हारे हुए को जितना
ऐसा ही है हमारा दोस्ताना
आसपास देख लगे
क्या मैं ही एक अजूबा?
निगाह पड़ी दोस्तों पर, लगा
है हमसा भी कोई दूजा
देखा जाए तो
नाम हेतु मानव है
बंदर, कुत्ता, गाय, भैंस
सब इनमें ही बसें है
प्यार देना, पीछे नहीं
झगड़ा बोलो, आगे सभी
साथ कहो, छूटे नहीं
दोस्ती की, अब जान यही
खून के रिश्ते शायद
सदैव साथ न हो
इसी कारण शायद
रब ने दोस्त बनाये हो....