कोरोना से दो हाथ करोना !!
कोरोना से दो हाथ करोना !!
अवनि की गति मानों
धीमी सी हो गयी है....
दौड़ती हुई सड़कें
आजकल थम सी गयी हैं।
मार -मार कर जिन्हें
बाहर भेजते थे ...
आज उन्हें मार- मार कर
घर बिठाना है।
अपने सारे साथ मिले हैं
उचित अंतर रखना है।
'वक्त नहीं दे पाते'
शिकायत जो करते थे ...
अब साथ बैठकर भोजन का आस्वाद ले पाते हैं।
दौड़ अब किसीसे आगे जाने की न है
दौड़ अब सबके साथ बढ़ने की है।
यह एक ऐसा 'युद्ध' है
जिसे घर बैठकर जीता जा सकता है।
न कोई ढाल न कोई तलवार
केवल बंद कर लो घर के द्वार।
चाहे दुनिया के लिए हम केवल एक व्यक्ति है ..
पर हम हमारे परिवार की दुनिया है ...
स्वयं के लिए नहीं तो अपने परिवार के लिए मानों
घर बैठ जाओ महत्व तुम जान लो।
मज़ाक मस्ती बहुत हो गयी
यह कोई मामूली बात नहीं ..
गर विकसित देश हतबल हो गए हैं
जरा अपने देश की स्थिति समझ ले।
यह वक्त भी गुजर जाएगा
अपना भी वक्त वापस आएगा
थोड़ा सब्र तो कर लो
कुछ समय घर में ही बिता लो।
हाथों को बार बार धोना भूलना नहीं
चेहरे के निकट तो लाना ही नहीं
बात करो थोड़ी दूरी से ही
'हाथ मिलाना' तो पाप ही सही!
जरा सा बुखार नहीं है 'कोरोना'
जरा सी खांसी को लेकर मत डरोना।
चाहते थे हर दिन रविवार का हो
अब आ तो गया है ...
अपनी कला ,पसंद को प्रभावित करो
अपना समय व्यर्थ न हो..।
अंतिम पर कम नहीं
'लॉकडाउन' है कोई गुलामी नहीं
सोचों जरा उन डॉक्टर ,पुलिस ,सफाई कर्मचारियों के परिवार की
क्या बीतती होगी उनपर ?
क्या सिर्फ घर बैठकर थोड़ा योगदान दे सकते नहीं ?
घर पर रहें ,स्वच्छता रखें
और रखे अपने आपको सुरक्षित!
