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Vaishnavi Pokale

Abstract Inspirational

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Vaishnavi Pokale

Abstract Inspirational

एक साथी

एक साथी

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चाहे बाद दुख के 

सुख न हो 

चाहे बाद रजनी के 

प्रभात न हो 

पर कोई साथी अवश्य हो 

और अकेलापन न हो.. 


अपना सा कोई होना ज़रुरी है 

वरना भीड़ मे भी अकेलापन है 

सुनसान सी राह पर 

एक साथी ही काफ़ी है 


भिन्न होना मान्य है 

अकेला होना अमान्य है 

किसी और से उम्मीद क्यों? 

खुद के साथी स्वयं बनो 


भागती हुई दुनिया है 

हर कोई अपने में व्यस्त है 

अपना प्यार तुम बनो 

खुद के साथी स्वयं बनो...


       


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