खुशी के साथ ग़म का बोझ भी ढोना जरूरी है। खुशी के साथ ग़म का बोझ भी ढोना जरूरी है।
खुदा का ही बेतहाशा जिक्र हो रहा है शुक्राना मिजाज बन रहा है। खुदा का ही बेतहाशा जिक्र हो रहा है शुक्राना मिजाज बन रहा है।
यह दोस्ती भी है कैसी अब हो चुकी है सालों पुरानी। वह दिन ही थे कुछ ऐसे इन्हे भूला जा यह दोस्ती भी है कैसी अब हो चुकी है सालों पुरानी। वह दिन ही थे कुछ ऐसे ...
पर गम हो तो मैं अकेले ही मुस्कुराता हूं। पर गम हो तो मैं अकेले ही मुस्कुराता हूं।
यूं चलती रहे ये यारी की हवाएं मिलकर साथ हर पल को सजाएं ये दोस्ती तेरी मेरी मुझे ... यूं चलती रहे ये यारी की हवाएं मिलकर साथ हर पल को सजाएं ये दोस्ती...
वक्त से आज मेरा, दोस्ताना बढ़ा है। वक्त से आज मेरा, दोस्ताना बढ़ा है।