दोस्ती की पहचान
दोस्ती की पहचान
इस रोते हुए चेहेरे पर ,
मुस्कान सी आई है।
इस बेजान सी जिंदगी,
जान सी आई है ।
इस नाराज से चहरेपर ,
सौगात सी आई है।
तुम्हारी एक बार बात करने से,
स्वर्ग की आभा ही तूने दिखाई है।
आंसू को हंसी मे बदलने की,
तूने आस ये जगाई है।
प्यार की सौगात लेकर,
जो तूने मुझे संभाला है।
हर एक कदम पे मैने,
तुझे मेरी जिंदगी में समाया है ।
नाज़ है खुदपर ही मुझे ,
जो तेरे जैसा दोस्त मैने पाया है।
