STORYMIRROR

Sneha Bawankar

Others

3  

Sneha Bawankar

Others

मेरे सपने ।

मेरे सपने ।

1 min
267

जब मेरे सपनों ने उड़ना सीखा है,

तो क्यों इन्हें गिराना चाहते हो।


नसीबों से संभलना सीखा है,

तो क्यों इन्हें दबाना चाहते हो।


आँसू तो हर एक पसंद को छीन कर मिले है मुझे,

अब क्या लिखने का सवाल भी मिटाना चाहते हो।


क्या मेरी हर एक कला गुनाह है ,

जो इन्हें मिटाकर मेरी जिंदगी बनाना चाहते हो।


पढ़ाई तो हर कोई चाहता है,

मगर कभी मेरे सपनों को अपना बना के देखो ।


क्या इतने बुरे है हमारे सपने,

जो इन्हें मिटाकर मुझे अपने जैसा बनाना चाहते हो।


शब्दों में बयां नहीं होते हम,

फिर क्यों हम लफ्जों में जताना चाहते हो।


आपका भरोसा जीतने के लिए एक वादा देकर

मेरी पसंद को छोड़ा है मैंने,

किसी का दिल तोड़ के मेरे सपनों को छोड़ा है मैंने ।


अब क्या मेरी कला को छुड़वा के ,

मुझे दर्द के समंदर में भिगोना चाहते हो।


मेरे नाम का मतलब प्यार है,

क्या अब मेरे प्यार का मतलब ही बदलना चाहते हो ।


मेरी कला, मेरी एक अलग पहचान है ,

क्यों इसे मिटाकर मुझे दूसरों के जैसा बनाना चाहते हो।


हर एक इंसान एक दूसरे से अलग होता है, 

इसे समझ कर अपनी एक अलग पहचान

बनाने वाला लाखों में एक होता है।


क्यों मेरी अलग सोच को मिटाकर,

अपने शब्दों सा बनाना चाहते हो।


इतिहास में उसी का नाम होता है,

जो अपनी एक अलग पहचान बनाता है ।


क्या आप मुझे इतिहास के पन्नों में नहीं सजाना चाहते हो?



Rate this content
Log in