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Anjana Gupta

Abstract

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Anjana Gupta

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दोस्ती का पैमाना

दोस्ती का पैमाना

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ना जाने कैसे मिल जाते हैं

फिर हँसना सिखा जाते हैं।


शब्दों का मतलब ना समझने वालों को

पूरी कहानियां समझा जाते हैं।


बेजान गुलसन में भी खिल उठते हैं

फूल चारों ओर

जब दोस्तों के बीच गुंजते है शोर।


धूप से अंधेरा जुड़ता नही् 

आसमान से जमीन मिलती नहीं।

होती है टकरार दोस्तो में

पर दोस्ती टूटती नहीं।


एक बात बताना चाहती हूं

दोस्ती का अहसास दिलाना चाहती हूं।

पलकें कभी आंखों पर बोझ नहीं होती

दोस्ती कभी बेवजह नहीं होती।


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