दोस्ती भूल गए
दोस्ती भूल गए
वो बचपन के दोस्त गर वो दोस्त ना होते,
बहुत अच्छा लगता, सब दोस्ती भूल गए।
हम चार दोस्त पढ़ते थे दसवीं कक्षा में साथ,
बहुत साल बाद हम मिले तो टूट गए हम।
तीन दोस्तों में आज बातचीत होती नहीं यार,
बस एक संग लड़ाई तो बातचीत हो गई बंद।
सच्चे ईमानदार मिल जाते ख़ुशनसीब वो होते,
बच्चे जब हम सभी तो रहें साथ-साथ हमेशा।
दोस्त ज़िन्दगी में न होते तो, वहम दूर ना होते,
दोस्त अनमोल धरोहर और ख़ज़ाना ही होते।
कोशिश हमने बहुत दोस्ती करवाना चाहते,
पर वो घमंडी बहुत क्षमा मांगना ना चाहते।