दिव्यांग
दिव्यांग
कौन है अपाहिज इस दुनिया में क्या आप जानते है?अपाहिज वो नही,जो वैसाखी लिए खड़ा है!
अपाहिज तो वो है जो किसी बेबस को,
अपने अभिमान और गरूर में कुचल कर आगे बढ़ा है!
कौन है......
वो बेचारा गिरेगा तो संभल जाएँगा !
ख़ुद ठोकर खा कर भी गिरतो को उठाएगा !
पर दो पैरों वाले तो पल पल है गिरते,
दौलत ,जवानी,अकड़ में फिसलते !
हवस में जनून में फिर सँभलते नहीं है!
कौन है अपंग !क्या जानते हैं?
अंधे वो नहीं जिनको आँखों से दिखता नहीं !
अंधे तो वो है जो पाप और ज़ुल्म को,
अपनी आँखों से देखते हैं!
हरण हो रहा हो,चीर भले किसी द्रौपदी का,
या कत्लेआम हो रहा हो!
अनदेखा कर आनन्द लुटते है!
अपाहिज कौन.....
अन्धे बेचारे तो मन की आँखों से देख लेते है!
भलाई और बुराई को पहचान लेते है!
पर आँखों वाले अन्धे की आँखों पर
,पाप ,झूठ ,लालच,नफ़रत,वासना ,फ़रेब का पर्दा पड़ा है!
कौन है अन्धा क्या आप जानते है ?
गूँगे वो नहीं जो बोल नहीं सकते !
गूँगे और बहरे तो वो लोग हैं,
झूठ और फ़रेब से भरी बातें जो बोलते
किसी के आँसुओं की चीत्कार अनसुना जो करते!
बेहयाई से सच की जो धज्जियाँ उड़ाए!
मतलब के लिए शब्दों को तोड़े मरोड़े,
किसी के नाम का नहीं उनको मान !
सुनते नहीं वेदना जो बेज़ुबानो की
कौन है बहरा क्या आप जानते हैं?
अपाहिज कौन....
इनसे तो अच्छे वो बेबस बेज़ुबान है!
जुबा से नहीं करते छलनी दिलों को,
नहीं सुनते पत्थर दिलों की आवाज़ें,
पर सुनते हैं रूह से दर्द की पुकार,
अपनी आवाज़ से देते हैं तड़पते दिलों को सुकून!
कौन है गूँगा और कौन है बहरा क्या आप जानते है?
कौन है अपाहिज इस दुनिया में क्या आप जानते हैं?