Vilas Yadavrao kaklij
Comedy Romance Action
बस एक दिन
नारी के नाम क्यों मनाया जाता है दिन।
बस एक साल भर नारी के नाम क्यों
मनाया जाता है दिन नसावा महिला दिन
जिंदगी भर नारी रहती है दीन।।
प्रेम कि यातन...
मुसाफिर
दिन
चारोळया
पत्नी होगी अर्धांगिनी ना मेनका, रम्भा और ना दासी ! पत्नी होगी अर्धांगिनी ना मेनका, रम्भा और ना दासी !
अभिमान कीजिए का अभियान चला कर उसके स्वयंभू ब्रांड अम्बेसडर भी बन जाइए। अभिमान कीजिए का अभियान चला कर उसके स्वयंभू ब्रांड अम्बेसडर भी बन जाइए।
वरना मुझे भी कहेगा देवलोक ... बुलडोजर भिजवाऊंगा। वरना मुझे भी कहेगा देवलोक ... बुलडोजर भिजवाऊंगा।
कभी यादों की खजाने अपनों की यादें थी तस्वीरें अब तो दिखावे के लिए बिकती हैं हर रोज त कभी यादों की खजाने अपनों की यादें थी तस्वीरें अब तो दिखावे के लिए बिकती हैं ...
पत्नी घुड़की दे रही थी लेकर बेलन हाथ। काहे किया था वादा फिर सदा निभाओगे साथ। पत्नी घुड़की दे रही थी लेकर बेलन हाथ। काहे किया था वादा फिर सदा निभाओगे साथ।
जब देखा खुद को आइने में कम हो गया मेरा एक साल। जब देखा खुद को आइने में कम हो गया मेरा एक साल।
इसलिए यदि आप असहाय महसूस करते हैं, तो आपको मन के अंदर गोता लगाना जरुरी है। इसलिए यदि आप असहाय महसूस करते हैं, तो आपको मन के अंदर गोता लगाना जरुरी है।
उमड़ा दिल में प्यार,बता तो दे। छोड़ दिया घर द्वार,बता तो दे।।1 उमड़ा दिल में प्यार,बता तो दे। छोड़ दिया घर द्वार,बता तो दे।।1
काम ना आती अपनी बुद्धि , कैसे जुगत भिड़ाए। काम ना आती अपनी बुद्धि , कैसे जुगत भिड़ाए।
41 बचे_ ये भी चमत्कार हुआ.. लीडरशिप का॥ 41 बचे_ ये भी चमत्कार हुआ.. लीडरशिप का॥
अपनों के चक्कर में पड़े रहिए और कोल्हू के बैल की तरह खटते रहिए। अपनों के चक्कर में पड़े रहिए और कोल्हू के बैल की तरह खटते रहिए।
सपनो की दुकान खुलवा, दी थी मुझे रब ने। सपनो की दुकान खुलवा, दी थी मुझे रब ने।
हमने कहा इनसे!! जन्म दिन का तोहफा जो माँगेगे दोगे-- करो स्वीकार। हमने कहा इनसे!! जन्म दिन का तोहफा जो माँगेगे दोगे-- करो स्वीकार।
बंद कर अपनी धड़कन, मुर्दा बना चला जायेगा। बंद कर अपनी धड़कन, मुर्दा बना चला जायेगा।
वो जो आये थे नई राजनीति करने कीचड़ में सन गये देखते देखते। वो जो आये थे नई राजनीति करने कीचड़ में सन गये देखते देखते।
अपने ही घर के लिए नहीं उसके घर के लिए भी मुझे लाना पड़ता नून खटाई है। अपने ही घर के लिए नहीं उसके घर के लिए भी मुझे लाना पड़ता नून खटाई है।
स तरह शायद अपने क्रोध को विश्राम की अवस्था में ले जाती हैं। स तरह शायद अपने क्रोध को विश्राम की अवस्था में ले जाती हैं।
हमेशा ही रोते रहिए और जीवन में आगे बढ़ते रहिए। हमेशा ही रोते रहिए और जीवन में आगे बढ़ते रहिए।
एक कट्ठा मोर बाबू के हव दू कट्ठा ससुरारी के। एक कट्ठा मोर बाबू के हव दू कट्ठा ससुरारी के।
खेल में मेहनत बहुत है तो, जमे जो उसको तोड़ो ! खेल में मेहनत बहुत है तो, जमे जो उसको तोड़ो !