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Vilas Yadavrao kaklij

Abstract Tragedy Thriller

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Vilas Yadavrao kaklij

Abstract Tragedy Thriller

चारोळया

चारोळया

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कोई सोता है।

 कोई रोता है

 कोई गाता है

 फिर भी साथ-साथ            

जाता है।


आस-पास देते हैं साथ

  तो हो जाती है बात

  ना जात ना पात

  फिर भी चलते 

   हैं,साथ-साथ।


आस पास कोई       

अपने,कोई,पराये

  मिलते हैं साथ 

  तो हो जाती है बात ,

  चलते है,साथ-साथ।


कोई अकेला ,

 तो कोई साथी

 ना मिलते फिर भी 

  ना पहले,फिर भी 

  चलते है साथ-साथ।


कोई जाता है 

  कोई जाता है,

  कोई गाता है

   रह जाता है साथ।


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