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Gauraw Gauraw

Drama Tragedy

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Gauraw Gauraw

Drama Tragedy

दिल्ली की बारिश

दिल्ली की बारिश

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देखों ! चारो तरफ फैला है,

पानी ही बस पानी,

गली-मोहल्ला या हो सड़क,

सबकी यही कहानी,

बारिश की रिमझिम,

बूंदो से बेहाल हुई राजधानी।


सुबह हो या शाम,

हरतरफ हैं जाम,

ऑफिस का अर्जेंट काम,

घर पे मुश्किल है आराम।


सारे एक्सक्यूज़ हुए नाकाम,

काली घटाये, ठंडी हवाएँ,

चमचम चमके बिजली रानी।


कितने मन्नतो के बाद तो,

ये रुत हुई सुहानी,

मगर बारिश की रिमझिम,

बूंदो से बेहाल हुई राजधानी।


थम गई जीवन की रफ़्तार,

सुस्त पड़ा दिल्ली/एनसीआर,

ठप हुए सारे कारोबार,

न कोई राहत के आसार।


बेबस प्रशासन-सरकार,

साल महीना बदला,

लेकिन बदली नहीं कहानी।


वो ही सड़क,

वो ही जाम वो ही दुर्गति पुरानी,

बारिश की रिमझिम,

बूंदो से बेहाल हुई राजधानी।


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