दिल तुम्हें ही ढूँढता है।
दिल तुम्हें ही ढूँढता है।
दिल तुम्हें ही ढूँढता है
हर पल तुम्हें ही ढूँढता है
जब से मेरी इन दो आँखों ने
तेरे चेहरे को देखा है तब से
मेरा दिल भी हर पल केवल
तुम्हें ही महसूस करना चाहता है
दिल की यही चाहत है कि
एक पल के लिए भी तू
दूर न किसी भी हालात में
हाँ सच में दिल समर्पित हो चूका है
पूर्णतः जब से उसने तुम्हें
महसूस किया है तुम्हें देखा है।।
दिल तुम्हें ही ढूँढता है
हर घड़ी उसकी चाहत है कि
तू रहे उसके आस-पास
एक ही तो दिल था मेरे पास
वो भी तुम्हें समर्पित है
अब तो आ जाओगी न
सर्वदा के लिए मेरे पास
हाँ है उम्मीद न होनी पड़ेगी निराश
तुम समझोगी मेरी भावनाओं को
मेरे दिल की सुनोगी पुकार
और ख़ुद के दिल को भी
मेरे दिल के लिए समर्पित करोगी।।