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Umakant Yadav

Abstract

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Umakant Yadav

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दिल की दुआ

दिल की दुआ

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जब सूरज आये दुआओ भरा हाथ उठे।

महके घर आँगन जब जब तेरी बात उठे।


तुझसे ही रौशन चमन की हर डाली

तेरे सजदा से खुशी लेके हर रात उठे।


तू ही धड़कन तुझमें ही सारा अंजुमन

तेरी मुस्कान से खुशी लेके हर जजबात उठे।


तेरे चेहरे से खिला खिला ये गुलशन

तेरे ही महक से बार बार मुलाकात उठे।।


तू बदली बनी इस इस नील गगन की

तेरे आने से ही उमंग भरी बरसात उठे।


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