बेटी जो दिल का कोहिनूर
बेटी जो दिल का कोहिनूर
1 min
318
बेटी जो मुझसे दूर है
मेरे दिल का कोहिनूर है।
उसे जब भी याद किया
ईश्वर से फरियाद किया,
जहाँ भी रहे चमकती रहे
फूलों के जैसे महकती रहे,
ख़ुश रहे सहेलियों के संग
लड़ती रहे पहेलियों के संग,
आँसू आँखो में आने न पाये
बुराई दिल मे समाने न पाये,
मंजिलों को सदा छूने की आशा
ज्ञान को सदा पाने की अभिलाषा,
करती रहो सतत संघर्ष
करती रहो संस्कार का स्पर्श,
विश्वास रगों का भरता हुँकार
तुझमे ही है मेरे जीवन का सार
दिल जिसके
लिये हुआ न कभी मजबूर है
बेटी जो मुझसे दूर है
मेरे दिल का कोहिनूर है।।