बसन्ती पवन
बसन्ती पवन
ये बसन्ती पवन
रुको ठहरो देखों तो
कानन में सारंग की मस्ती
होली में रंगबहारों की मस्ती
देखो गीत खुशी के गाये उपवन
खुशहाल हुये धरती के बन
पशु पक्षी गीत खुशी के गाते
सरसो के फूल खेतों में लद जाते
सब दिखता पीला पीला
अब न ठंडी से कुछ गीला
चारों ओर मौसम लुभावना
पुकारती सजनी को सजना
हम भी तुम भी
कुछ बोलो तो
ये बसंती पवन
रुको ठहरो कुछ बोलो तो।

