दिल की बात
दिल की बात
चमकती आंखों में आंसू न बहाना तुम
दिल की हर बात दिल से बताना तुम।
मन की बेचैनियों को जहन में न रखो
दिलवर की तरह दिलबाग दिखाना तुम।
मन में रंगीनें सपने सहेज लेना जब
गुलशन के हर फूल में रंग दिखाना तुम।
दुनियां के अफसानो से न दिल मचले
मन से महबूब की मेहंदी लगाना तुम।
इश्क के बंधन में गुनगुना देना मधुर गीत
उमंग की नज़रों से जब नजरें मिलाना तुम।

