दिल की बाते
दिल की बाते
दिल की बातें बहुत हुई,
अब दिल की करके दिखाना है,
दिल की बातों से पेट ना भरता,
अब सच्चाई में उसे लाना है।
दिल को अधिक छूट न दो,
ना जाने क्या क्या करवाएगा,
अच्छे खासे इंसान को वो,
सरेआम पिटवाएगा।
दिल का क्या भरोसा,
कब वो पलट जायेगा,
बंद कर अपनी धड़कन,
मुर्दा बना चला जायेगा।
