दिल के दीये जलाएं
दिल के दीये जलाएं
चलो इस बार दिल के दीये जलाएं,
दिपावली को और खूबसूरत बनाएंं,
जो रिश्ते दम तोड़ रहे थे उन्हें महकाएं,
हर मज़हब की दीवार गिरा
इंसानियत को ही धर्म बनाएं।
ज़मीनों पर खींची लकीरों को मिटा
एक दूसरे को गले लगाएं।
हाथ में हाथ ले रोग और भूख से लड़ जाएं,
ऊँँच-नीच, रीति-रिवाज़,अमीर-गरीब, तेरा-मेरा
ये छोटी-छोटी बातें बिसरा दिल के दिये जलाएं,
इस दिवाली को और भी रोशन बनाएंं।
अहम के बीज बोना भूल जाएं,
नफ़रत शब्द ही शब्द-कोष से मिटा आएं,
भाई-चारे का संदेश घर-घर पहुुँचा आएं,
चलो इस दिवाली प्रेम के दिये जलाएंं।
परमाणु की होड़ छोड़ पर्यावरण को बचाएंं,
दिलों पर ज़मी बर्फ पिघला ग्लैसीयर की बर्फ जमाएं,
थोड़ा तो इस धरा के बारे मेें भी सोचते जाएं,
इस दिवाली इंसानियत को डूबने से बचा जाएं,
चलो इस बार दिवाली खूबसूरत अन्दाज़ में मनाएं,
दिल के दीये जलाएं।