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Ganesh Chandra kestwal

Inspirational

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Ganesh Chandra kestwal

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दीपक दान

दीपक दान

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आओ प्यारे हम मिल जानें, भारत संस्कृति ज्ञान को।

अपनी लंबी आयु बढ़ाने, करलें कर्म महान को ।

मृत्यु रचाते काल जीव की, दक्षिण जिनका वास है। 

उनकी अनुकम्पा पर सबकी, चलती निश-दिन श्वास है॥१॥


कार्तिक कृष्णा चौदश तिथि में, करना यम का गान है।

पूज्य वही यमराज जगत के, जीवन शून्य वितान है ।

दक्षिण में मुख रखकर अपना, करते यम का ध्यान हैं। 

भक्ति भाव से शीश नवाकर, करते दीपक दान हैं॥२॥


सूर्य तनय संतुष्ट हुए तो, मिटते तन के रोग हैं ।

निर्मल काया को जीवन में, मिलते बहुविध भोग हैं।

लक्ष्य साधता जीवन का नर,पाता जग में मान है।

देव कृपा के बल से मानव, बनता जग की शान है।



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