धरती माता
धरती माता
धरती है हम सबकी माता
हम इसकी संतान हैं
धरती से है अन्न जल जीवन
धरती से सकल जहान है।
कहीं नदी कहीं है झरना
कहीं पर्वत-वृक्ष विशाल है
धरती है हम सबकी माता
हम इसकी संतान हैं।
पले-बढ़े हम इसी धरती पर
इस धरती पर हमको नाज़ है
धरती है हम सबकी माता
हम इसकी संतान हैं।
धरती है करुणा का सागर
ममता का भंडार है
धरती अपनी स्वर्ग से सुंदर
महिमा इसकी अपरंपार है
धरती है हम सबकी माता
हम इसकी संतान हैं।
