धरती और वृक्ष
धरती और वृक्ष
झलकता पानी आकाश से
जो आ गिरता है जमीन पर,
जिससे जन्म लेता एक पौधा
जिसको मिलता धरती में खिलने का अवसर।
बड़ा होता है जब वह
फल खिलने लगता है उस पर,
तब वह याद करता उस जमीन को
जहां जन्म लिया था उसने उस पहर।
जब गिरता है उसका वह फल
तब याद आता है उसे अपना पहला कदम धरती पर,
जब उम्र हो जाता है उसका तब उसे याद आता है
उसका फल जो आ गिरे था धरती पर।
जब होता है उसका आखिरी पल
तब याद करता वह उस धरती को,
जिसके आश्रय से लिया था उसने जन्म
और बिताया अपना पूरा जीवन उस पर।