हे हरे पवन तू बता
हे हरे पवन तू बता
हे हरे पवन,
बता जा नए वर्ष का पावन,
कैसे होगा इसका आगमन,
कैसा होगा हमारा जीवन।
हे हरे पवन,
बता जा कैसे शुरू इसे करूं,
इसका कैसे इस्तमाल करूं,
कैसे इसके दिनों को बिताऊ,
कैसे इसकी धारा में बह जाऊं।
हे हरे पवन,
है की मेरे पुण्य पावन,
पहले बता कैसे करूं पिछले को विदा,
फिर करूं इसका स्वागत,
तब प्रफुल्लित होगा मन और जीवन।
हे मेरे हरे पवन,
स्वयगत करूं इसका,
बिछाकर मृदुल पंखुड़ियां फूलों की,
भर जाएगा मान, होगा पावन, आएगी चमन,
और इन्हीं खुशियों में बीत जाएगा जीवन।