: धोखेबाज से इश्क
: धोखेबाज से इश्क
निगाहों के जादू ने कुछ ऐसा काम कर दिया
दिल में मुहब्बत का था खाली जाम भर दिया
लरजते लबों की लाली ने लख्ते जिगर बना लिया
चेहरे की मासूमियत ने मुझको दीवाना बना दिया
पता नहीं था कि तुम निगाहों से कत्ल करते हो
कस कस के वार कर के जिगर छलनी बना दिया
जुल्फों में छुपा के रखते हो काले नागों के झुण्ड
डसने को आशिकों को जाल ए जुल्फ बिछा दिया
उलझाते हो अपनी मोहिनी मुस्कानों के भंवर में
न जाने कितनों को मुहब्बत के भंवर में डुबा दिया
सब कुछ लुटा के हुस्न पे तुझे जान पाये हैं दिलरुबा
किस किस को कहें एक धोखेबाज से दिल लगा लिया।