धन से धनवान नहीं होता कोई
धन से धनवान नहीं होता कोई
कोई व्यक्ति
धन से धनवान होता है
मेरा अनुभव है कि
नहीं होता है
धन को संचित करते रहना
खुद के ही प्रयोग में लेना
किसी अन्य को नेक कार्यों के लिए भी
न देना
ऐसा धन होने का क्या लाभ
कोई व्यक्ति गरीब हो
धन उसके पास एक धनवान व्यक्ति
से चाहे अपेक्षाकृत कम हो लेकिन
उसका दिल बड़ा हो
उसका महान व्यक्तित्व हो
उसके नेक विचार हों
वह समाज की भलाई करने की इच्छा
अपने मन में रखता हो
कोई मदद मांगे तो उसके काम आता हो
किसी गिरते को उठाता हो
बुरे समय में,
किसी पर मुसीबत पड़ने पर
कष्ट की घड़ी में
एक मसीहा बनकर किसी बेसहारे को
सहारा देता हो तो देखा जाये तो
ऐसे व्यक्ति को धनी कहा जा सकता है
एक महल में रहने से कोई धनवान नहीं
हो जाता
धन होने पर भी धन के प्रयोग में
कंजूसी तो फिर
वह व्यक्ति कहां का धनवान
किसी धनवान के घर में
कोई प्रवेश भी न पा सके
अपमानजनक उसका व्यवहार हो
अमीर गरीब में जो भेद करे
इंसानियत की जो परिभाषा भूल जाये
अच्छाई का, ईमानदारी का,
सच्चाई का जो अर्थ न जाने
एक गिलास पानी भी जो पिलाने को
तैयार न हो
ऐसे धनी व्यक्तियों की कोठियों में तो
कुत्ते ही पलते अच्छे लगते हैं
एक सभ्य किंतु किसी गरीब का
ऐसे धनी परिवारों में कहां कोई
स्थान
'कुत्तों से सावधान' की
मुख्य द्वार पर चेतावनी
देखकर वहीं से लौट जाना
बेहतर है
भीतर प्रवेश पाकर
एक अपमानजनक स्थिति
का सामना करने से
बेहतर है।
