'देवी गीत'
'देवी गीत'
देखो जो अनुपम नजारो,
मैया जी को सज गओं है द्वारों।
पण्डा ने मैया की मूरत बनाई,
शंख मृदंग वजत शहनाई।
घर-आंगन सबने बुहारो,
मैया जी को सज गओं है द्वारों।
लाखों पापी तुमने तारे,
हम बालक हैं मैया तुम्हारे।
तुम्हरो है केवल सहारो,
मैया जी को सज गओं है द्वारों।
देखो जो अनुपम नजारो,
मैया जी को सज गओं है द्वारों।।