भारत देश की तस्वीर बयाँँ करती कविता-: मेरी तस्वीर
भारत देश की तस्वीर बयाँँ करती कविता-: मेरी तस्वीर
संपूर्ण जगत को लुभाती है मेरी तस्वीर,
गंगा की निर्मल धारा है मेरी तस्वीर,
पाप-पुण्य से रहित होकर
जीवन की सच्चाई है मेरी तस्वीर,
भटके हुए को राह दिखाती है मेरी तस्वीर,
जीवन का संघर्ष से लेकर
प्रेम का प्रतीक है मेरी तस्वीर,
माँ की गोद से लेकर
शहीदों की गाथा बयाँ करती मेरी तस्वीर,
गुलामी से लेकर आजादी का
चित्र दर्शाती मेरी तस्वीर,
विश्व को बिंदु प्रदान कर
जगमगाती मेरी तस्वीर,
विभिन्न धर्मों को अपने आँचल में समेटे है मेरी तस्वीर,
दंतुरित मुस्कान से लेकर वीरों की दहाड़ है मेरी तस्वीर,
जन-जन के हृदय में बसी है मेरी तस्वीर,
राष्ट्रीय नवचेतना का गान है मेरी तस्वीर,
धर्मनिरपेक्षता का सटीक वर्णन है मेरी तस्वीर,
होली हो या दिवाली,ईद हो या बकरीद,
बैशाखी और क्रिसमस को एक छत के
नीचे लाती मेरी तस्वीर,
अंधकार से प्रकाश की ओर
मार्गप्रशस्त करती मेरी तस्वीर,
'वसुधैव कुटुम्बकम्'को स्वीकार
करती है मेरी तस्वीर,
एक हृदय भारत जननी का आह्लाद है मेरी तस्वीर।
