देशाटन
देशाटन
सैर करें कुदरत क़ायनात की सुंदर
रचना को जाने समझे।।
झरना झील पहाड़ अतीत
इतिहास को जाने गर्व करें।।
मंशाराम में वारिश ही वारिश
जैसलमेर में रेगिस्तान उड़ते धूल।।
दारझलिंग का उगता सूरज
कही हरियाली कही जलते चट्टान।।
वीरों की गाथाएं हल्दी घाटी
पानीपत के युद्ध मैदान।।
ताज महल लाल किला
कुतुब मीनार राजाओं महाराजाओं के
दुर्गम दुर्ग के राज।।
खजुराहों अजंता और एलोरा
दक्षिण के मंदिर देवालय।।
कश्मीर की वादियां की नदियाँ
रावी औरचिनाब केशर के फूलों
की खुशबू डल झील सेब के बाग।।
मराठा संस्कृत के ना जाने कितने ही
अभिमान नारियल के लंबे बृक्ष अंगूर
लाता बादाम अखरोट केबाग ।।
बोली भाषाएं अनेक
संस्कृतियां जाती धर्म मर्म अनेक।।
आदि जाती के मानव की
वेश भूषा संस्कार अनेक।।
उत्तर से दक्षिण पूरब से
पश्चिम जानो समझो
अपना देश।।
देव भूमि हिमांचल उत्तराखंड
गढ़वाल के गांव उंटी बौद्ध बिहार
झारखंड का वर्तमान अतीत।।
सैर नही संतुष्टि सैर ज्ञान संस्कृति
सांस्कार सिख।।
जाने कितने मंदिर गिरिजा घर
गुरुद्वारे वास्तु काला काल
धन्य धरोहर अपना देश।।
दूध बर्फ से ढके नहाए
एवरेस्ट हिमालय दुर्गम
कठिन अमर नाथ कैलाश
मानसरोवर।।
शिक्षा से ज्ञान समाज से मिलता
संस्कृति सांस्कार सैर से अन्वेषण
याथार्त का जीवन सार।।
सैर कर दुनियां के ग़ालिब
जिंदगानी फिर कहाँ जिंदगानी
गर रही तो नौजवानी फिर कहाँ।।
जानने सीखने समझने का
सत्य सत्यार्थ सैर अतीत का
वर्तमान।।
