SNEHA NALAWADE
Inspirational
हम और हमारा देश
हम जहाँ पर रहते हैं
जिस देश में रहते हैं
हमारे देश में अलग
अलग परंमपरा है
जहाँ पर अलग अलग
तरह के लोग रहते हैं
जहाँ पर अलग धर्म
और जाति के लोग हैं
उनकी सोच काफी
अलग होती है
जिसके चलते आगे
बहस होती है
हम बस एकता के साथ
मिल जुलकर रहे
लम्हे
त्याग...
वो पल...
फिर एक पहल रि...
नारी...
अध्यापिका...
बेरोजगारी...
बचपन...
एक सैनिक
वक्त....
देवालय में बैठा बैठा मैं मन में करता ध्यान। शुभ दिन आया मैं करूँ दीप कौन सा दान। देवालय में बैठा बैठा मैं मन में करता ध्यान। शुभ दिन आया मैं करूँ दीप कौन सा द...
सफलता की एक ऐसी कहानी ये, जिसने बदला नज़रिया। सफलता की एक ऐसी कहानी ये, जिसने बदला नज़रिया।
अमर रहेगी गोरा बादल की कहानी बोल रही मिट्टी राजस्थानी अमर रहेगी गोरा बादल की कहानी बोल रही मिट्टी राजस्थानी
मोक्ष तो सहज ही स्वयं को पाना, पाया बस वही जिसने यथार्थ को माना। मोक्ष तो सहज ही स्वयं को पाना, पाया बस वही जिसने यथार्थ को माना।
जीवन की दुर्गम राहों पर, राही तुझ को चलना होगा । जीवन की दुर्गम राहों पर, राही तुझ को चलना होगा ।
तुम्हें सीखना होगा लड़ना, दुष्ट और हैवानों से। तुम्हें सीखना होगा लड़ना, दुष्ट और हैवानों से।
इंद्रधनुष देखकर मेरे मन में सदा, एक ही ख्याल आता है! इंद्रधनुष देखकर मेरे मन में सदा, एक ही ख्याल आता है!
पुकार ले कोई जो पीछे से, तो रुक जाएं ये कदम. पुकार ले कोई जो पीछे से, तो रुक जाएं ये कदम.
पिंजरे की चिड़िया थी सोने के पिंजरे में। वन की चिड़िया थी वन में। पिंजरे की चिड़िया थी सोने के पिंजरे में। वन की चिड़िया थी वन में।
उसकी फ़ितरत इंसानों से अलग है, वो आख़िरी साँस तक साथ निभाऐगी।हाँ सच ही तो, याद ही तो मेरी जागीर है।.... उसकी फ़ितरत इंसानों से अलग है, वो आख़िरी साँस तक साथ निभाऐगी।हाँ सच ही तो, याद ह...
शबनम की मधुर फुहार है बेटी, विधि का अनुपम उपहार है बेटी। शबनम की मधुर फुहार है बेटी, विधि का अनुपम उपहार है बेटी।
एक खींचता इस जीवन रथ को, तो दूजा हरदम राह दिखाता है. एक खींचता इस जीवन रथ को, तो दूजा हरदम राह दिखाता है.
तब उठा ले यदि कोई अनुचित कदम, हो जाता है तब उससे जु ड़ा हर जीवन बेरंग l तब उठा ले यदि कोई अनुचित कदम, हो जाता है तब उससे जु ड़ा हर जीवन बेरंग l
.चलो आज एक बात बताता हूं । ... तुम्हे जीने की राह दिखाता हूं ।। .चलो आज एक बात बताता हूं । ... तुम्हे जीने की राह दिखाता हूं ।।
चहूँ ओर घोर निराशा के बादल छाए, बता किस विध तुझे मैं मनाऊं माँ।। चहूँ ओर घोर निराशा के बादल छाए, बता किस विध तुझे मैं मनाऊं माँ।।
अहिल्याबाई का सुदृढ़ व्यक्तित्व, उनकी जीवन गाथा। अहिल्याबाई का सुदृढ़ व्यक्तित्व, उनकी जीवन गाथा।
बैर और नफरत की दीवार को, मिलकर मिटटी में मिलाते हैं चलो इस जनवरी, जन जन को जगाते हैं. बैर और नफरत की दीवार को, मिलकर मिटटी में मिलाते हैं चलो इस जनवरी, जन जन को...
ये सूना पड़ा हुआ घर, घर का खाली पड़ा अहाता। ये सूना पड़ा हुआ घर, घर का खाली पड़ा अहाता।
तू न अपनी छाँव को अपने लिए कारा बनाना,जाग तुझको दूर है जाना। तू न अपनी छाँव को अपने लिए कारा बनाना,जाग तुझको दूर है जाना।
उसी दिन उसी समय से बन गई वह घर की समृद्धि की दारोमदार। उसी दिन उसी समय से बन गई वह घर की समृद्धि की दारोमदार।