देश है सबसे अनमोल।
देश है सबसे अनमोल।


हमारा देश भारत,
आदर्शवाद की मिसाल,
यहां हर समुदाय की छाप,
दुनिया के हर धर्म का वास,
सबसे अधिक भाषाओं का समावेश,
भिन्नता में एकता का प्रमाण।
हम हुए स्वतंत्र 15अगस्त 1974 को,
हमने अपनाई लोकतांत्रिक व्यवस्था,
लेकिन हुई कुछ गलतीयां,
हम नहीं कर पाए शैक्षणिक सुधार,
लार्ड मैकाले का चलने दिया आधार,
हम रहे दुनिया में सबसे अशिक्षित।
जिससे बन गये दो देश,
एक था उन्नीसवीं सदी का,
और दुसरा था पौराणिक युग,
जो पहला था,
उसने पकड़ी उन्नति की रफ्तार,
बन गया प्रगतिशील देश,
और दुसरा चला कछुए की चाल,
खाई गुरबत की मार,
हमेशा रहा उन्नति में पीछे।
अगर उस समय करते प्रयास,
बनाते शिक्षा को विकास का आधार,
देते सबको मुफ्त गुणवंती शिक्षा,
तो होता चोमुखी
विकास,
आज सब हो जाते बराबर,
न होती अमीर गरीब की खाई,
कोई अशिक्षित न होता,
कोई भुखा न मरता,
सब तरफ दौड़ती खूशीहाली,
सारी दुनिया को मां भारती पालती।
लेकिन हम रहे थे लगभग
तीन सौ वर्ष गुलाम
सबकुछ ले गये थे अपने साथ हुक्मरान,
देश हर बरस देखता था आकाल,
आबादी की रफ्तार थी काफी तेज,
उत्पादन था बहुत कम,
फिर सरकारों की प्राथमिकताएं थी
रोटी, कपड़ा और मकान,
तो ये था बहुत कठिन काम।
फिर भी हम हिंदुस्तानी हिम्मत नहीं हारे,
आज दुनिया में अनाज, दूध,
फल और फ्रूट में सबसे आगे,
हमारे डाक्टर, इंजीनियर,
विज्ञानिक, लेखक,
पत्रकार और अर्थशास्त्री,
हैं विश्व में छाए,
हर वर्ष खोजते नये उपाय,
दृढ़-संकल्प है,
कि मानवता को मिले न्याय।