देश है रणवीरों का
देश है रणवीरों का
अब खतरा मंडरा रहा देश पर,
जागो सारे वीर।
नष्ट सभी गद्दार हों,
मिटे धरा की पीर।।
गद्दारों की शह मिले,
दुश्मन हो मजबूत।
विफल करें ये साजिशें,
मन में शक्ति अकूत।।
तंद्रा में रहना सखे,
बहुत बड़ा है पाप।
गफलत से यह जिंदगी,
बन जाती अभिशाप।।
यह धरती है रणवीरों की ,
करें पाप को नष्ट।
कठिन नहीं यह बात है,
समझो इसको स्पष्ट।।
सज रहें हथियार से,
अब देश की सेना के लोग।
पाप-ताप सब मिट सकें,
आएँ सुख के सभी योग।