डूब गया
डूब गया
आज फिर सीने में उठ रहा है धुआँ
रात रानी की खुशबू कम लग रही है
सीने में सांसे अटक अटक जा रही हैं
आज रात फिर नींद न आएगी
क्योंकि...
तू तो कहीं और डूबा है
पर कोई यहां तुझ में डूब गया है
और इस जलन में, मैं जल रही हूं।
आज फिर सीने में उठ रहा है धुआँ
रात रानी की खुशबू कम लग रही है
सीने में सांसे अटक अटक जा रही हैं
आज रात फिर नींद न आएगी
क्योंकि...
तू तो कहीं और डूबा है
पर कोई यहां तुझ में डूब गया है
और इस जलन में, मैं जल रही हूं।