डटे रहेंगे आखरी सांस तक
डटे रहेंगे आखरी सांस तक
ओढ़ के धानी चुनर छोड़ के घर और चूल्हा,
बैठी है पंजाब की शेरनी थाम के बदलाव का मोर्चा।।
ये कैसा बिल है आया,
इसमें विकास तो हमें नज़र ना आया,
अपनी अपनी सियासी रोटी,
सबने किसान की हालत की चिता पर है सेंकी।।
ओढ़ के धानी चुनर छोड़ के घर और चूल्हा,
बैठी है पंजाब की शेरनी थाम के बदलाव का मोर्चा।।
किसी का बच्चा छोटा है फिर भी वो धूप और ठंड में लड़ रही है,
अपनी हक की लड़ाई सरकार से बे पाक अंदाज़ में वो लड़ रही है,
बिना चप्पल के है किसी है पैर,
खुद के हक की है लड़ाई ना दिल मै है किसी से बैर,
ओढ़ के धानी चुनर छोड़ के घर और चूल्हा,
बैठी है पंजाब की शेरनी थाम के बदलाव का मोर्चा।।
धरने को सफल बनाने में इनका अहम योगदान है,
ये बे पाक महिलाएँ हिन्द की शान है,
सड़कों पर उतरे हर किसान को भूखे पेट ना इन्होंने सोने दिया,
हर मुमकिन सत्कार इन्होंने हर किसान का किया,
ओढ़ के धानी चुनर छोड़ के घर और चूल्हा,
बैठी है पंजाब की शेरनी थाम के बदलाव का मोर्चा।।
ना समझो कमज़ोर इन्हें इनके इरादे पर्वत से अटूट है,
हालातों से नहीं हारेंगी पंजाब की बेटियां इनकी हिम्मत मजबूत है,
इस लड़ाई में बराबर का इनका साथ है,
इस मुहिम मैं ये किसानों के साथ कदम से कदम मिलाकर चलने को तैयार हैं,