डियर डायरी
डियर डायरी
कल कंजक नहीं थी तो
केवल हलवा बनाया
आज बेटे की फरमाइश पर
चना पूरी का स्वाद भरमाया।
मनाया कुछ इस तरह से
रामनवमी का त्योहार
साथ ही बहन का जन्मदिन
बधाई कविता का दिया उपहार।
सुंदर सी एक कविता
उसके स्टेटस पर चढ़ाई
दोपहर में एक काव्य गोष्ठी
राम नाम गंगा में डुबकी लगाई।
बाकी सारा दिन में
कुछ खास काम न था
काम बस कुछ लिखा
कुछ पढ़ा व सो लिया।
शाम स्कूल के बच्चों के नाम
किया उनकी जिज्ञासा को शान्त
लिखने को जो चित्र दिया था
उस पर आज ज्यादा काम न मिला।
कुछ नए करोना केसिस ने
किया मन कुछ खराब
क्यों लोग नहीं समझते
सोच मन हुआ परेशान।
रात के खाने के बाद लिखने हूँ बैठी
बर्तनों का ढेर सिंक में रख कर बैठी
अब और काम करने की हिम्मत न थी
कुछ जरूरी चीजें लिखनी बाकी थी।
टारगेट अब अचीव कर लिया
बाकी सब कल पर छोड़ दिया
कहती हूँ सब को गुडनाइट
राम जी कृपा सब पर बनाए।
