ढूंढते हैं
ढूंढते हैं
ढूंढते हैं उस वक़्त को हम ,
जिसमे हमारे-तुम्हारे ख्वाब पला करते थे ,
झूठे ही सही पर ,
हम सारी रात जला करते थे।
वो तुम्हारे नैनो की चाशनी ,
वो मेरे ज़िस्म का दीवाना पन ,
वो हम दोनो की बेहयाई ,
जिसमे हम साथ घुला करते थे।
ढूंढते हैं उस वक़्त को हम ,
जिसमे हमारे-तुम्हारे ख्वाब पला करते थे |
वो तुम्हारे होठों का बुदबुदाना ,
वो मेरे हाथों की कारीगरी ,
वो तुम्हारी मदहोश सी निगाहें ,
जिनकी मदिरा हम साथ पिया करते थे।
ढूंढते हैं उस वक़्त को हम ,
जिसमे हमारे-तुम्हारे ख्वाब पला करते थे |
वो इशारे बेबसी के ,
वो नजारे कुछ पलों की खुशी के ,
वो दिलों का धड़कना एक साथ ,
जिनसे हम अक्सर संभला करते थे।
ढूंढते हैं उस वक़्त को हम ,
जिसमे हमारे-तुम्हारे ख्वाब पला करते थे ,
झूठे ही सही पर ,
हम सारी रात जला करते थे।।