चटपटी जिंदगी
चटपटी जिंदगी
जीवन रूपी इस रंगमंच में,
नाचे मानव बन नचिकेता,
कई भावों का मुुखौटा लगाए
करे ता ता धिंना।
रंग बिरंगी पोशाक पहने,
रंग बिरंगा अंदाज है,
कहीं नमक जैसा नमकीन तो,
कहीं मिर्च जैसा चटकीला लाल।
बदले दौर जिंदगी, देती नया स्वाद
कभी खट्टा मीठा तो कभी कर्कश अंदाज,,
हर पात्र मशरूफ है, अपने ही किरदार में,
कोई मिठास घोल रहा, कोई रिश्तों को तोल रहा।
कहीं इक जोड़ बंधे, संजोए हुए सब रंग और स्वाद
कहीं बिखरे पड़े पी रहे "मेवों " संग शराब,
कहीं सजी हुई है महफिलें, कहीं रौशनी की है आस
हर अवस्था में मशहूर है, ये रंगमंचीय किरदार।
अभिनेता बना वही जो हर रंग में रंग गया
पा हर स्वाद, आगे बढ़ता गया
हर भाव को छुपा, हर भाव से जीतता गया,
हार न मान, जिंदगी के मसालेदार
अनुभवों से सीखता गया।