चलों सो जाओं..
चलों सो जाओं..
चलो सो जाओ ....
चलो सो जाओं तुम्हे कल फिर बहकना है ,
सोचो ज़रा कल किस डाल पर चहकना है ,
हमें भी सोने दो
हमें कल फिर ज्वालामुखी सा दहकना है
कल फिर राह के पत्थरों को ठोकर मारनी है,
हमें कल फिर मंजिलो की नई सुरंग गाढ़नी है ।
चलो सो जाओ
तुम्हें कल फिर किसी की कमी निकालनी है
सोचो ज़रा कल किसकी दबी उखाड़नी है ,
हमें कल फिर हजारो तिखी नज़रे उखड़नी है ,
चलो सो जाओ ....
हमें भी सोने दो हमें कल फिर मेली राह बुहारनी है ,
अपनी भी और जाने कितनो की जिंदगी सवारनी है ।
चलो सो जाओ....