चलो जीते हैं
चलो जीते हैं
चलो जिंदगी को फिर
नए सिरे से जीते हैं
सोए हुए एहसासों को
फिर से जगा लेते हैं
खुद के लिए थोड़ा
समय निकाल लेते हैं
चलो जीते हैं
कभी अपने लिए
कभी दूसरों के लिए
खुशी और गम तो
मुसाफिर है जिंदगी के
आते हैं जाते हैं
हम तन्हा रह जाते हैं
हम ज्यादा सोचें और
समय बर्बाद करें क्यों
चलो जीते हैं
कभी अपने लिए
कभी दूसरों के लिए
कल की रेत को
उंगलियों से बहाते हैं
आज और अभी में
खुद ढल जाते हैं
जीते जी मौज मनाते हैं
चलो जीते हैं
कभी अपने लिए
कभी दूसरों के लिए
हंसी का एक टुकड़ा रखकर
गम को भूल जाते हैं
जल को आगे बहने के
रास्ते बनाते हैं
समय की धारा में
हम बहते चले जाते हैं
चलो जीते हैं
कभी अपने लिए
कभी दूसरों के लिए
यादों के बक्से की
कुछ खुशबू बिखेरते हैं
नई सुबह की धूप को
आंगन में आने देते हैं
इस हसीन रौशनी में
चलो नहाते हैं
चलो जीते हैं
कभी अपने लिए
कभी दूसरों के लिए
पल यह कहता है
कभी खुद से निकल
कभी खुद के साथ चल
बेतुकी बात के लिए
ना तू कभी मचल
जिंदगी में हम बहार लाते हैं
चलो जीये जाते हैं
कभी खुद के लिए
कभी औरों के लिए
कभी दूसरों की रंगत में
हमराह बन जाते हैं
कभी दूसरों की संगत में
खुशियां बुन जाते हैं
एक दूसरे के संग संग
हम चले जाते हैं
चलो जीते हैं
कभी खुद के लिए
कभी दूसरों के लिए
चलो इंसानियत का
एक कुटुंब सजाते हैं
क्यों ना मोहब्बत का
संसार नया बनाते हैं
सबके लिए एक नया
पैगाम हम लाते हैं
चलो जीते हैं
कभी खुद के लिए
कभी औरों के लिए
मौत तो एक दिन आनी है
सबको दुनिया छोड़ जानी है
कोई नहीं यहां किसी का
वक्त पर चलता ना जोर किसी का
अगर दिल की खुशी निभानी है
तो चलो जीते हैं
कभी अपने लिए
कभी दूसरों के लिए