चलो एक नया भगवान बनाएं
चलो एक नया भगवान बनाएं
चलो आज फिर एक भगवान बनाते हैं,
कहीं जोड़ के हाथ, तो कहीं सजदे में उठाते हैं,
दिलों की रंजीशो को, फिर से सुलगाते हैं,
चलो आज फिर इक नया खुदा बनाते हैं,
सोच में, ज़ुबान में, फिर कड़वाहट लाते हैं,
कहीं कोई मूरत,
तो कहीं कोई नई भाषा लिकवतते हैं,
जात–पात के किस्सों को,
फिर नया कोई पहनावा पहनाते हैं,
रिश्तों में जो मुहब्बत जगी,
उनको दफ़न फिर करवाते हैं,
चलो आज फिर एक नया भगवान बनाते हैं,
किसी के दुखी मन को, नफरत की राह दिखाते हैं,
बीते पल,
जिन्हें बड़ी मुश्किल से भुलाएं हैं,
फिर किसी बस्ती को लगा के आग,
उस चिंगारी को सुलगाते हैं,
चलो फिर एक नई रूहानी ताकत का,
पैगाम सुनते हैं,
मासूम बच्चों को,
गोली और बम की दहशत से मिलाते हैं,
छोड़ कर खुशियों का घर,
किसी को दो गज ज़मीन,
तो किसी को आग हम दिखाते हैं,
चलो आज फिर हम इंसान से,
हैवान बनने की शुरूआत करके दिखाते हैं,
क्या रखा है, इस अमन और शांति के जीवन में,
जो ये मुफलिस इंसान जीना चाहते हैं,
बच्चों के मुस्कुराते चेहरों में,
बहन माँ के ढकते आंचल को,
चलो फिर अपने हाथों से कुचल कर,
आगे बड़ जाते हैं,
हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई में बटवारा कर,
घरौंदे को अपने, खुद जमींदोज कर आते हैं,
चलो आज फिर एक नया भगवान बनाते हैं,
डरा के दुनिया को, धरती माँ को रुला हम आते हैं,
चलो फिर एक नया भगवान बनाते हैं,
हो सके तो नफरत नहीं,
प्यार की जोत हम जलाते हैं,
चलो एक नया भगवान हम बनाते हैं।।